सोचा है ?....
ज़मीन से मन भर गया तो आसमां जा पहुँची हो ,अगर आसमां का मन भरा तो कहाँ जाओगी सोचा है ?
क़ीमत लगा लेती हो ,मेरी हर बात की
क़ीमत लगा लेती हो ,मेरी हर बात की
तुम्हारी जब लगेगी बोली, तो कहाँ जाओगी सोचा है ?
प्यार तुमसे किया तुम्हारी पहचान से नहीं
प्यार तुमसे किया तुम्हारी पहचान से नहीं
पहचान जब धुँधली पड़ेगी तो कहाँ जाओगी सोचा है ?
आज तरस जाते है तेरी आवाज़ सुनने को
लोग जब तुम्हें न सुनेंगे तो कहाँ जाओगी सोचा है ?
आज तरस जाते है तेरी आवाज़ सुनने को
लोग जब तुम्हें न सुनेंगे तो कहाँ जाओगी सोचा है ?
झुक जाते है क्योंकि खोना नहीं चाहते
ग़ुरूर हमको भी हुआ तो कहाँ जाओगी सोचा है ?